Saturday, April 11, 2015

ए- मेरे दोस्त तुम पे लिखना शुरु कहा से करु..! अदा से करु या हया से करु ..? तुम्हारी दोस्ती इतनी खूबसुरत है कि पता नही तारीफ जुबा से करु या दुआ से करू..!!

ए- मेरे दोस्त तुम पे लिखना शुरु कहा से करु..! अदा से करु या हया से करु ..? तुम्हारी दोस्ती इतनी खूबसुरत है कि पता नही तारीफ जुबा से करु या दुआ से करू..!!

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